Meri Bamani Bamani Lyrics
धन हो तुम्हारी जजमानी…
मेरी बेमानी बेमानी…
मेरी छतरी मेरी पोथाड़ी
मेरी फ़तेहि भेरी लयू
जजमनी में जानी मेन
ना करि अबयेरी दो…
धन हो तुम्हारी जजमानी…
रुपया न टक्का लंदा तुम
इखारी कख जांदा तुम
जजमनी तो बहाना छा
बोला कख रांडा तुम…
मेरी बेमानी बामणि
धन हो तुम्हारी जजमानी…
मुण्ड कपाली लिपि के
सौ श्रीनगर केरी के
रात ब्याली खाज्याली चा
जजमानी में जाना के…
लड़ाइ झगड़ा तुम दगड़ि
हैं जी लड़ाई झगड़ा तुम दागडी
शॉक नी रुसाना कु
खौ न कमाए फैदा
क्या जजमानी माँ जाना कु
मेरी बेमानी बामणिधान
हो तुम्हारी जजमानी…
गोरी मुखादि सावनी स्या
हाये रे गुस्सा स्वन्दू नि
मेरी बेमानी मानी जा
जजमनी माँ जानू नई…
आँखि छड़ी माठि कपाली….मेरी बमानि
सची आँखि छड़ी माठि कपालि
मुख माँ भली बानी नि
जंड़ी बगत नैखरी
हूंदि नई भली बामणि
मेरी बेमानी बामणि
धान हो तुम्हारी जजमानी…
उठ्दा बइठा खांदी बागथ
गंगा अस्नान मा
कंनु मन्तर फुखदा
बस आपदा ध्यान माँ…२
पुंगड़ी पड़ी बंजा बिगर
पुन्गडी पड़ी बांजा बिगेर
होल बिना धन कि
बस एखारी तक्क तुम्हारी
जजमानी माँ जान कि
मेरी बेमानी बामणि
धान हो तुम्हारी जजमानी…२
धन सिंह का नौना की
तिपदि जुडी मथ्य खोली
आज बाघ दान च
जाना दी दौ माँ सन्नि
धान सिंह का नौना की
तिपदि जुडी मथ्य खोली
आज बाघ दान च
जाना दी माँ सक्वालि
पुन्गडी पतली भूल बेट्टि
पुन्गडी पतली भूल बेटटी
झोला काम ढाणी नि
आज नई पॉचुण्डु वख्
मीने जख जे जान रे
मेरी बेमानी बामणि
धान हो तुम्हारी तुम्हारी री
बामणिबामणि बामणि
धान हो तुम्हारी जजमानी…२
मेरी बेमानी बेमानी…
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